उत्तराखंड के जंगल की आग

रूद्र प्रयाग वन विभाग के श्री. गुप्ताने बताया कि महामार्ग की अग्नि के बचाव पद्धति में रुद्र प्रयाग वन विभाग सैनिकों की सहायता लेता है। चामोली, पौरी, रुद्रप्रयाग, तेहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ , अल्मोङी  और नैनीताल  जिले सबसे अधिक अग्नि से  संकटग्रस्त हैं।

अत्यंत दुर्गम पहाड़ी इलाके के कम लोगों की बस्ती में शुक्रवार की शाम को नैनीताल जिले के एक मनुष्य की जंगल (वन) में आग लगने के कारण ,आग में झुलसकर मृत्यु हो गई जिससे   मृतकों की संख्या छह हो गई।

अत्यंत सूखे और ठंडे हवामान के कारण इस वर्ष बहुत ही जल्दी अर्थात २ फरवरी से ही लगभग १८९१ हेक्टर्स जमीन पर फैली हरीभरी वनराई ज़मीन अग्नि में जलकर राख हो गई। संक्षेप में इस वर्ष के फरवरी माह में जंगल में लगी  आग के कारण ९२२ आग के प्रसंग हुए। उसके कारण छह मनुष्यों की मृत्यु हो गई और लगभग १९०० हेक्टर जमीन पर फैली हरियाली नष्ट हो गई।

ऐसे वृक्ष और हराभरा वनक्षेत्र का नष्ट होना,  संपूर्ण मानवजाति पर आई हुई  नैसर्गिक आपत्ति ही है ऐसा कहना ही पड़ेगा।

 

 

 

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